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Gyanodya
About the book
पुस्तकों की प्रस्तुत श्रृंखला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास पर विशेष बल दिया गया है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए ऐसी पाठ्यपुस्तकों का निर्माण करना जरूरी है, जो विद्यार्थियों को विद्यालयी जीवन के साथ-साथ बाहरी जीवन से जोड़ने वाली हों।
इसके लिए भाषा शिक्षण में तोतारटंत पद्धति की बजाय बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में भागीदार बनाने वाली और मानसिक दबाव की जगह खुशी का अनुभव कराने वाली पाठ्य सामग्री की आवश्यकता है। इस प्रयत्न में ज्ञानोदय (हिंदी पाठ्यपुस्तक श्रृंखला) विद्यार्थियों को सहज रूप में भाषा ज्ञान कराने और भाषा को सीखने समझने में अपनी नैसर्गिक प्रतिभा का रचनात्मक प्रयोग करने की प्राथमिकता देती है।
विद्यार्थियों में भाषा की योग्यताओं से संबंधित सृजनशील गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले प्रश्न अभ्यास दिए गए हैं। इनसे संवेदना और संरचना के स्तर पर छात्र को पाठ की समझ आसानी से हो सकेगी।
पाठ के द्वारा उसका योग्यता विस्तार संपूर्णता से संभव हो सके इसके लिए आधुनिकतम प्रश्न शैली यथा - रिक्त स्थान भरें, बहुविकल्पीय प्रश्न, सही या गलत बताओ, मिलान करो, मूल्याधारित प्रश्न, रचनात्मक लेखन इत्यादि दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त वाचन कौशल, श्रवण कौशल, तर्क शक्ति, कल्पना शक्ति तथा चिंतनशक्ति पर आधारित प्रश्न एवं परियोजना कार्य पुस्तक में ही यथा स्थान पर दिए गए हैं। ‘भाषा को जानें‘ शीर्षक के अंतर्गत व्याकरण संबंधी ज्ञान कराया गया है। विद्यार्थियों में भी वाचन कौशल का विकास करने के उद्देश्य से बीच-बीच में कुछ सामग्री केवल पढ़ने के लिए‘ एवं ‘अपना ज्ञान बढ़ाएँ‘ भी दिए गए हैं। विद्यार्थियों को स्वयं को परखने के लिए पाठों पर आधारित चार प्रपत्र ‘स्वमूल्यांकन’ शीर्षक के अंतर्गत दिए गए हैं।